पुरानी बातें भूल क्यों नही जाते

मैं पानी हूँ "नायाब"आप मुझ में
नमक की तरह घुल क्यों नहीं जाते ।

इतनी बरसात के बाद भी
दीवारों के दाग धुल क्यों  नही जाते ।

और कितनी लाशें गिराओगे
अब पुरानी बातें भूल क्यों नही जाते ।

ये फिक्र सियासतदारों को नही है
की कुछ बच्चे स्कूल क्यों नही जाते ।

शहर को शहर से जोड़ देना क्या काफी है
दिलों को जोड़ने वाले पुल क्यों नही बनाते ।


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