"हाँ हिंदुस्तान मेरे बाप का है"

हाँ हिंदुस्तान मेरे बाप का है ।
ये हिंदुस्तान मेरे बाप का है ।।

भजनों का है कीर्तन का है
ये मंत्रों के जाप का है

हाँ हिंदुस्तान मेरे बाप का है
ये हिंदुस्तान मेरे बाप का है ।।

सोमनाथ को जिसने लुटा
ये गज़नी की औलादें हैं ।

गला हड्डियां अपने बदन की
हम दाधीच की फ़ौलादें हैं ।

जो अपने वतन से करे गद्दारी
यहां फंदा उसके नाप का है ।

हाँ हिंदुस्तान मेरे बाप का है
ये हिंदुस्तान मेरे बाप का है  ।।

सन 721 ई में कासिम फिर
तुगलक, तैमूर और बाबर आया ।

यहां की मिट्टी में लाखों का
खून उन दरिंदों ने बहाया ।

हमारा ही खून बहा है
सुन 'राहत' यहां की मिट्टी में
सना हुआ है लहू हमारा
यहां 'नायाब"की मिट्टी में

कहीं अमन से न रह पाती ये है इनकी किस्मत
बेदर्दी से कत्ल किए थे बेदर्दी से लूटी अस्मत,

ये असर उन बहनों की
उन माताओं के श्राप का है,

हाँ हिंदुस्तान मेरे बाप का है
ये हिंदुस्तान मेरे बाप का है । ।








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