यहाँ कचरा फेंक कर गन्दगी न फैलाएं
एक दीवार पे ये लिखा था की
यहाँ कचरा फेंक कर गन्दगी न फैलाएं
दिल करता है उस दीवार पे ये लिख दूँ
की ये नसीहतें उन लोगों को दो
जिन्होंने संसद को कूड़ेदान बना डाला
लोकतंत्र के इस मंदिर में मिलते हैं
देश की आबरू के
छीले हुए छिलके
वादों की झूठन
आंकड़ों की रद्दी
इसलिए कहता हूँ नायाब
तुम नसीहतें दीवारों पे लिखना
छोड़ दो
है हिम्मत तो बढ़ो आगे
उन दीवारों को तोड़ दो ।
यहाँ कचरा फेंक कर गन्दगी न फैलाएं
दिल करता है उस दीवार पे ये लिख दूँ
की ये नसीहतें उन लोगों को दो
जिन्होंने संसद को कूड़ेदान बना डाला
लोकतंत्र के इस मंदिर में मिलते हैं
देश की आबरू के
छीले हुए छिलके
वादों की झूठन
आंकड़ों की रद्दी
इसलिए कहता हूँ नायाब
तुम नसीहतें दीवारों पे लिखना
छोड़ दो
है हिम्मत तो बढ़ो आगे
उन दीवारों को तोड़ दो ।
मनोज नायाब
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