बोलते आखर

Sunday, February 25, 2024

हवाओं पे एतबार मत करना

नायाब --



दिल होता है कांच का
हर किसी से प्यार मत करना

बड़ी हसरतों से बुनी है इश्क़ की ओढ़नी
तुम इसको तार तार मत करना

हो लाख तूफानों से याराना मगर
जलता चिराग जो हाथो में हो तो
हवाओ पर एतबार मत करना

मुझे अच्छे लगने है धोखे दोस्ती में
अटका रहने दो भीतर ही 
ये खंज़र दिल के पार मत करना ।

दिल करे ज़ख्म देने का तो कलेजा हाज़िर है 
तुम मगर कभी पीठ पे वार मत करना 

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