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Showing posts from December, 2019

CAA/ NRC

मेरे घर के गेहुंओं में कुछ घुन मिल गए हैं, गुलाब के संग  ज़हरीले फूल खिल गए हैं । अपने बागीचे को साफ रखना हमारा हक था,  ज़रा सा कीटनाशक डाला तो वो हिल गए हैं । मज़हबी उन्माद में बस्तियां तुमने भी जलाई थी, हमें भी अब तेरी करतूतों के सुबूत मिल गए हैं । बेमतलब कोई लट्ठ खुरदरा नहीं होता जनाब,  सच क्या किया तेरे पिछवाडे क्यों छिल गए हैं । मनोज "नायाब" ( स्तंभकार, लेखक, कवि)

mujhe kyu jalaya 1

मुझे क्यों जलाया ?? बहुत पुकारा मैंने  किसी ने सुनी नहीं मेरी आवाज़ शायद सब सो रहे थे हमेशा की तरह या फिर बिगबॉस देख रहे होंगे अपने अपने घर पर कई अंकल गुजरे उधर से मगर उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी वो दुर्गा मंदिर में जो रोज़ माता को चुनरी ओढ़ाते हैं वो हरीश अंकल भी गुजरे नवरात्रा पर नवकन्या पूजन करने वाले वो शर्मा अंकल भी गुजरे सबने देखा  मगर कोई रुका नहीं बल्कि रफ्तार और बढ़ा ली शायद उनको इससे भी ज्यादा  जरूरी काम थे । मैं जब जल रही थी चीख रही थी वो चारों ठहाके लगा रहे थे बिल्कुल इंसान जैसे दिख रहे थे पर इंसान नहीं थे । इंसान का मतलब  इंसान जैसा दिखना नहीं बल्कि इंसान जैसा सोचना भी होता है ।

Mujhe kyu jalaya 2

मां देख न जल गयी मैं बहुत जलन हो रही है , बचपन के जैसे थोड़ी बरनोल लगा कर फूंक मार दे । ठीक हो जाउंगी देखना जब छोटी थी 7 साल की तब मेरा हाथ पटाखा जलाते वक्त जल गया था तब तुमने ऐसे ही दौड़ कर अलमारी से बरनोल की ट्यूब निकाल कर लगा दी थी और कुछ फूंकें मारी और फिर मैं तेरी गोद में ही सो गई आज भी ऐसा ही करो न देखना ठीक हो जाउंगी  तुम रोना नहीं मां  कुछ नहीं हुआ है  बस थोड़ी सी जली ही तो हूँ ।  वो बगल वाली नव विवाहित भाभी भी  तो सिलेंडर फटने से जल गयी थी  कुछ महीने हॉस्पिटल मैं रही फिर  ठीक हो गई थी । लड़कियां तो यूँ ही जलती रहती है मां क्या हुआ जो मैं भी जल गयी  मुझे तो अब तुम्हारी गोदी में  सर रखकर सोना है ।  सुलाओगी न मां ।  सुबह उठूंगी तो ठीक हो जाउंगी मां  तुम ही तो कहती थी ऐसा ।  मगर मां अब और किसी लड़की  को जलने मत देना  बहुत दर्द होता है मां । सच में बहुत दर्द होता है ।