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ये किताबें

कितनी किताबें पढ़ ली  मैंने तुम्हारी नायाब उसमें आकाश छूने की तरकीबें थी हिमालय की गहराइयों का ज़िक्र भी था सोना चांदी  फूल तितलियां  चांद तारे 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था सेंसेक्स की उछाल सौंदर्य चित्रण प्रेम प्रसंग हंसी ठट्ठे सब थे उसमें कागज़ की क्वालिटी शानदार है कवर पेज भी आकर्षक है बहुत अच्छा लिखते हो तुम  एक बात कहूँ नायाब बुरा नहीं मानना ये सब भरे पेट वालों के काम की है माफ करना  इन्हें लौटाना चाहता हूं ये किताबें मेरे काम की नहीं कोई ऐसी किताब भी  लिखी हो तो देना न जिसमें मेरे बच्चों की  भूख मिटाने की  स्कूल की फीस भरने की  बिटिया के ब्याह का  कर्ज लौटाने की टूटी दीवार पर प्लास्टर करवाने की बैंक वालों को  किस्तें लौटाने की तरकीब लिखी हो  फिर चाहे उसमें  मीटर अलंकार काफिया यति गति व्याकरण  न हो तो भी मेरे लिए अनमोल होगी ।  तुम्हारी उठ बैठ तो  नामचीन कवियों -शायरों से है पूछो न उन्होंने लिखी हो कोई ऐसी किताब  तो मुहैया करवाना ना  मैं तुम्हारी एहसान मंद रहूंगी ।