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सांप

बेशक चंमडी गोरी है मगर दिल के ये बड़े ही काले है कितना जलना पड़ा सूरज को तब जाकर ये उजाले हैं और तुम मुझे क्या डर दिखाते हो ज़हर का दोस्त मैंने अपनी आस्तीन में तुम जैसे कई सांप पाले हैं