पहलगांव
ये बैठक बैठक खेलेंगे निंदाओं के भाषण पेलेंगें नकली दौड़ भाग करेंगें फिर अफसर को फटकारेंगें कोई पाक को ध्वस्त करो इज़राइल सा बंदोबस्त करो ये काम ज़रा जोखिम के है मोदी तुमसे न हो पाएंगे तुम लौटो अपने गुजरात हम योगी को दिल्ली लाएंगे तेरे भरोसे मोदी हम अब कितनी चिता जलाएंगे बैठ के ac कमरों में ये चाय समोसे खाएंगें भारत माता की बेटी के कितने सिंदूर मिटाएंगे बिन बदले आए तो 29 में फिर pm बदले जाएंगें बोलो कितने और दिनों तक शांति की बांसुरी बजाओगे ये शिशुपाल की सौवीं गाली है कब चक्र सुदर्शन चलाओगे । नहीं चाह रहे फिर हूरों की तुम इन कुत्तों का वो हाल करो लहू चाहिए दुश्मन का झेलम का पानी लाल करो ऋषि कश्यप के काश्मीर की केसर की क्यारी मुरझाई है बारूदी दुर्गंध फ़िज़ा में बंद करो अब भाई भाई खुल कर अब तो बोलो तुम नहीं जरूरत पर्दों की कश्मीर जल रहा फिर भी मौन क्या कौम है ये नामर्दों की 🔥🔥मनोज नायाब ✍️