बोलते आखर

Sunday, May 1, 2022

तुम दोनों

आफताब तुम दोनों हो
महताब तुम दोनों हो

 यूं तो बगिया में फूल बहुत है ।
 मगर गुलाब
 तुम दोनों हो

कोई बेहतरीन जोड़ी का 
ख्वाब जो देखे
तो वो ख्वाब तुम दोनों हो ।

नशा बहुत है जमाने में
नई बोतल में पुरानी शराब 
तुम दोनों हो ।

कसमें वादे रिश्ते नाते 
किसी को ये chapter पढ़ने हो 
तो वो किताब तुम दोनों हो ।

मनोज नायाब

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