बोलते आखर

Wednesday, December 27, 2023

मात्रा

जिऊँ अकेले कैसे अब मैं 
कोई मुझको पास चाहिए

सुख दुख अपने बांट सकूं में
कोई ऐसा खास चाहिए ।

कृष्ण नाम का नीर मिलेगा
पर राधा जैसी प्यास चाहिए ।

मिलती है संपदा, राम नाम की
पर भीलनी जैसी आस चाहिए ।

गिरधर सा खज़ाना भी मिलता है,
पर मीरा जैसी तलाश चाहिए ।

सिया राम भी मिल सकते हैं 
पर हनुमत जैसा दास चाहिए ।

प्रीत के पंछी भी आएंगे 
पर हृदय में भी तो मधुमास चाहिए

इतना गाम्भीर्य ठीक नहीं जीवन में
थोड़ा हास परिहास चाहिए ।

No comments:

Post a Comment

Pls read and share your views on
manojnaayaab@gmail.com